पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस की मार झेल रहा है भारत में भी तेजी से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है और अधिक बढ़ने की संभावना भी है। ऐसी परिस्थिति में लोगों को स्वयं सजग एवं जिम्मेदार बनने की बहुत अधिक आवश्यकता है। सरकार अपने स्तर पर जो भी कर रही है वह उनकी जिम्मेदारी है किंतु हर एक व्यक्ति को स्वयं भी जिम्मेदार, जागरूक और कोऑपरेटिव बनने की बहुत आवश्यकता है। इसलिए मेरे सभी मित्रों से निवेदन है कि जागरूकता फैलाएं न कि संवेदनहीन बनकर फ़िज़ूल की पोस्ट शेयर करें।
संक्रमण के लक्षण :
-
1. यह मनुष्य के फेफड़ों को प्रभावित करने वाला वायरस है। पहले अन्य फ्लू की तरह बुखार आता है, फिर सूखी खाँसी आती है और सांस लेने में दिक्कत (निमोनिया के जैसे) होती है।
2. सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और बहुत अधिक थकान के साथ शरीर में बहुत अधिक कमजोरी होने लगती है।
3. संक्रमण अधिक बढ़ने पर सांस बहुत ही मुश्किल से आती है, फेफड़ों के साथ अन्य अंग फैल होने का भी खतरा बढ़ जाता है और मौत का खतरा भी बन जाता है।
लक्षण कितने दिन में दिखते हैं?
सामान्यतः लक्षण 5 दिन से 14 दिन के भीतर दिखने लगते हैं लेकिन कुछ मामलों में 24 दिन का समय भी लग सकता है।
मौत का खतरा कितना है?
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मौत का खतरा 1 से 2% ही है किंतु इस आँकड़ें पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता।हालाँकि, हजारों की संख्या में संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ भी हो रहे हैं किंतु इस संक्रमण का अभी तक कोई भी स्थायी उपचार नहीं मिल पाया है अतः इसके संक्रमण से बचाव ही फिलहाल हमारे हाथ में है।
संक्रमण का खतरा किसको अधिक है?
यह वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है। हालाँकि, बच्चों (कम उम्र) में इसके संक्रमण के मामले कम ही मिले हैं फिर भी कोई भी इससे संक्रमित हो सकता है। संक्रमण का खतरा उन लोगों के लिए अधिक है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है या किसी अन्य रोगों से पीड़ित हैं जैसे - टीबी रोगी, डायबिटीज से पीड़ित, दमा अथवा अन्य फेफड़ों की समस्या से पीड़ित, थॉयराइड से पीड़ित, हृदय रोगी इत्यादि। बुजुर्ग लोगों में भी संक्रमण का खतरा बहुत अधिक है।
संक्रमण किस अंग से फैलता है?
विभिन्न डॉक्टर एवं WHO एडवाइजरी के अनुसार, इस वायरस का संक्रमण मुँह, नाक एवं आँखों से फैल रहा है।
बचाव के उपाय -
1. बेवजह बाहर नहीं निकलना, किसी भी अनावश्यक वस्तु को नहीं छूना।
2. भीड़ से दूर रहना, पब्लिक ट्रांसपोर्ट (टैक्सी भी) से कम अथवा बहुत अधिक आवश्यकता होने पर ही ट्रैवल करना। बस, ट्रैन अथवा मेट्रो में हैंडल्स को न छूना।
3. किसी भी व्यक्ति जिन्हें छींक आ रही हो, खाँसी हो, बुखार हो अथवा सांस लेने में दिक्कत हो उनसे कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाए रखना।
4. 3 लेयर वाले मास्क का प्रयोग करना वैसे मास्क के संक्रमित होने का खतरा भी रहता है। कुछ डॉक्टरों के अनुसार मास्क बहुत अधिक कारगर नहीं हैं। फिर भी यूज एंड थ्रो मास्क हो तो ज्यादा सही है। मास्क ना हो तो गमछा को फोल्ड करके अथवा रुमाल को 2 लेयर का बना कर भी प्रयोग किया जा सकता है।
5. किसी से हाथ न मिलाएं, बाहर से आने पर हैंडवाश अथवा सैनिटाइजर का प्रयोग करें और अच्छे से हाथ धोएं।
6. बार बार हाथों को नाक, मुँह या आँखों से न लगाएं। यदि लगा रहे हैं तो पहले हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।
7. बाहर से आई हुई किसी भी वस्तु को छूने के बाद कम से कम 20-25 सेकंड तक अपने हाथों को साबुन या हैंडवाश से अच्छे से धोएं।
8. पब्लिक मीटिंग, पब्लिक गैदरिंग, धरना प्रदर्शन अथवा किसी भी सामूहिक कार्यक्रम में जाने से बचें।
9. खाँसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत चेकअप करवाएं।
उपचार :
- अभी तक इस वायरस की कोई भी कारगर दवा उपलब्ध नहीं है।
- तुलसी, अदरक, गिलोय, हल्दी इत्यादि का प्रयोग करने से ये हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूती देते हैं किंतु ये उपचार नहीं है।
- एल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का सेवन भी उपचार नहीं है। हालाँकि, हैंड सेनेटाइजर में एल्कोहल होता है इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि एल्कोहल युक्त पेय पदार्थों को हैंडवाश के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। किंतु यह बात कितनी सही है इसका कोई आईडिया नहीं है।
- एन्टी बायोटिक दवाओं का इस वायरस के संक्रमण पर कोई असर नहीं है क्योंकि ये दवाएं बैक्टीरिया इंफेक्शन के उपचार के लिए होती हैं न कि वायरस।
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमित होने का शक होने पर सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए नम्बरों पर कॉल करें अथवा सरकार द्वारा चलाये जा रहे चेकअप कैम्प इत्यादि से संपर्क करें। यदि कहीं से कोई सहायता न मिल रही हो तो किसी अच्छे हॉस्पिटल में चेकअप अवश्य करवाना चाहिए । किसी भी छोला छाप डॉक्टरों के चक्कर में कतई न पड़ें।
सभी लोगों को जागरूक करने की बहुत आवश्यकता है अतः लोगों को जागरूक करें। अफवाह न फैलाएं और न ही नकारात्मकता फैलाएं। स्वयं भी सुरक्षित रहें एवं आपसे जुड़े अन्य लोगों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।
